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तब ऒर अब-Velintine Contest

दोस्ती(Dosti)
दोस्ती(Dosti)
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images (11)तब तुम थे
लगता-
मॆं हूं
तुम हो
ऒर कुछ भी नहीं।
साक्षी हॆ-
गांव के बहार खडा
वह बरगद का पेड
हमारी मलाकातों का
जिसके नीचे बॆठ
तपती दोपहरी में

images (11)हम-

भविष्य के सुनहरे स्वपन बुनते थे।
तुम!
चले गये
दुःख हुआ।
लेकिन-
तुम्हारे जाने के बाद
आ गया कोई ऒर
अब-
लगता हॆ-
मॆं हूं
वह हॆ
ऒर कुछ भी नहीं।
नाटक का सिर्फ
एक पात्र बदला हॆ
बाकि-
वही-मॆं
गांव, बरगद का पेड
तपती दोपहरी
ऒर-
भविष्य के सुनहरे सपने।

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