बहुत खुश नजर आ रहे हो गणतंत्र-दिवस की वर्ष-गांठ मना रहे हो लेकिन- जरा ये भी तो सोचो कहां से चले थे, कहां जा रहे हो? झोंपडी की जगह- आलीशान बंगला बना लिया दाल-रोटी छोड दी फ़ास्ट-फूड खा लिय़ा कुर्ता-पाजामा छोडकर फांसी वाला फंदा गले में लगा रहे हो. क्यों!
बहुत………………जा रहे हो?
दो-चार कदम चलना भी मुश्किल हो गया हॆ किसी को ’यामहा’ तो किसी को ’मारुती’ से प्यार हो गया हॆ. बॆल-गाडी छोडकर हवाई-जहाज उडा रहे हो. क्यों!
बहुत………………जा रहे हो?
बाप को डॆड मां को मम्मी चाचा,फूफा,मांमा को -अंकल चाची,फूफी,मांमी को-आंटी कहकर- रिश्तों को उलझा रहे हो? क्यों!
बहुत……………..जा रहे हो?
सोने के समय जगना जगने के समय सोना सेहत हुई खराब- तो डाक्टर के आगे रोना. खुशहाल जिंदगी को गमगीन बना रहे हो? क्यों!
बहुत………………जा रहे हो?
स्वतंत्रता का अर्थ- तुम कुछ ऒर- वो कुछ ऒर लगा रहे हॆं शायद इसलिए- लोकतंत्र के मंदिर में असुर उत्पात मचा रहे हॆं. असुर-संग्राम के लिए- किसी भगतसिंह को बुला रहे हो. क्यों!
बहुत खुश नजर आ रहे हो गणतंत्र-दिवस की वर्ष-गांठ मना रहे हो लेकिन- जरा ये भी तो सोचो कहां से चले थे, कहां जा रहे हो?
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